Golden Rule of Accountancy in Hindi
लेखांकन के गोल्डन नियम )
लेखांकन के सुनहरे नियम जिनके आधार पर एकाउंटिंग की एंट्री होती है और जिनसे आधार पर खाते तैयार होते है
बिना गोल्डन रूल्स के आप accounting को नहीं कर सकते हो इसलिए एकाउंटिंग सिखने के लिए सबसे पहले आपको ये गोल्डन रूल्स फॉलो करने होंगे
आपको अच्छे से समझ आये इसलिय हमने यहाँ हिंदी में सरे नियम उदाहरण के साथ समझाने की कोशिश की है अगर आपको ये पोस्ट पसंद आये थे प्लीज अपने दोस्तों में जरूर शेयर करे और पेज को जरूर सब्सक्राइब करे more About Accounting और खाते कितने प्रकार के होते है अभी जाने Type of Accounting.
व्यक्तिगत अकाउंट के मुख्य नियम -
(Personal accounts Golden Rules in Hindi Accounting)
Rule-1. प्राप्त करने वाले को डेबिट करो (रिसीवर को डेबिट करें)
Rule-2. भेजने वाले को क्रेडिट करो (Credit the Giver)
Example: - जैसे की हम समझने के लिए कुछ उदाहरण लेते है
1. श्री राम ट्रेडिंग ने श्री श्याम enterprises (जिमसे आपको एकाउंटिंग करनी है ) को 100000 का गुड्स बेचा
तो सबसे पहले हम देखते है की इसमें कोनसे कोनसे अकाउंट है और कौन मॉल ख़रीदा रहे और कौन बेच रहा है
तो यहाँ जो दोनों कंपनी के नाम है वो व्यक्तिगत अकाउंट में आते है और जो गुड्स है वो वस्तुगत अकाउंट में आएंगे
अब जानते है की व्यक्ति गत अकाउंट के अनुसार कौन वस्तु भेज रहा है और कौन प्राप्त कर रहा है तो यहाँ भेजने वाला मतलब बेचने वाला होगा - तो यहाँ गुड्स कौन भेज रहा है ?
तो श्री राम ट्रेडिंग ने मॉल बेचा है मतलब भेजने वाला है श्री राम ट्रेडिंग
कोई transaction होता है तो उसकी 2 एंट्री होती है दोनों बुक्स में एंट्री करना जरुरी है क्युकी अकाउंट मैच तभी होते है
Purchase की एंट्री निम्न प्रकार से होगी जो श्री श्याम इंटरप्राइजेज में होगी - Purchase Entry
Purchase (Goods) A/c Dr 100000 (Real Account)
To Shree Ram Trading A/c Cr 100000 (Personal Account)
(तो हमरे पर्सनल अकाउंट के नियम के अनुसार जो भेजने वाला या देने वला होता है उसे हम क्रेडिट करते है और वस्तुगत अकाउंट के नियम के अनुसार जो वस्तु व्यापार में आती है उसे डेबिट किया है )
अब हम सेल्स की एंट्री करेंगे जो श्री राम ट्रेडिंग में होगी - Sales Entry
Shree Shyam Enterprises A/c Dr 100000 (Real Account)
To Sales A/c Cr 100000 (Personal Account)
(तो हमरे पर्सनल अकाउंट के नियम के अनुसार जो प्राप्त करने वाला उसे हम डेबिट करते है और वस्तुगत अकाउंट के नियम के अनुसार जो वस्तु व्यापार में जाती है उसे क्रेडिट किया जाता है)
वास्तविक खातों के सुनहरे नियम –
(Real Account Golden rules by e-Accounting)
Rule-2. ऐसे सभी वस्तु जो व्यापार से जाती हो को क्रेडिट करो ( Credit- Going Out )
Example :-
ऊपर जो example दिया है उसमे real अकाउंट को भी बताया गया है इसलिय आप उस
एग्जामपल को समझ सकते हो-
इसके साथ एक सिम्पल example बताने वाली हु -
श्री श्याम इंटरप्राइजेज ने Cash में 50000 का मॉल बेचा -
Cash A/c Dr 50000 (Real Account)
To Sales A/c Cr 50000 (Real Account)
(यहाँ हमने दोनों ही रियल अकौऊंट के उदाहरण लिए है जिसमे हमने दोनों नियम follow किये है)
नाममात्र खातों के सुनहरे नियम-
(Golden Rules of Nominal Accounts & Profit&Loss Accoout)
Rule-1.सभी खर्चो या नुकसान को डेबिट करो
Rule-2.सबी इनकम या प्रॉफिट को क्रेडिट करो
नाममात्र अकाउंट के सीधा सम्बन्ध Profit & Loss अकाउंट से होता है इसलिय इसे P&L अकाउंट भी कहते है.
Example-
जैसे स्टाफ को सैलरी दिए, बिजली का बिल का भुगतान किया, टेलीफोन के खर्चो का भुगतान इत्यादि खर्चे सभी को हम डेबिट करेंगे और अगर जैसे किसी नगद परचेस पर कमिशन मिला तो ये कमिशन हमरे लिए फायदा है तो ऐसे हम क्रेडिट करेंगे तो एंट्री इस प्रकर से होगी
खर्चो के एंट्री - Expenses Entry
Electricity Expenses A/c Dr ****
To Cash/Bank Ac Cr ****
Salary A/c Dr ****
To Cash/Bank Ac Cr ****
Telephone expenses A/c Dr ****
To Cash/Bank Ac Cr ****
इनकम और प्रॉफिट - Income Entry
Purchase (Goods) A/c Dr 50000 (Real Account)
To Cash A/c Cr 45000
To Commission Rec. A/c 5000 (nominal Account)
0 टिप्पणियाँ